इसका अपना ही एक तराना है!
पता है सबको मिलेंगे सिर्फ आंसू!
पर न जाने दुनिया में हर कोई क्यों इसका दीवाना है!
गर्दिश में सितारे होतें हैं!
सब दूर किनारे होतें हैं!
यूँ देख के यादों की लहरें!
हम बैठ किनारे रोते हैं!
सोचा याद न करके थोड़ा तड़पाऊं उनको!
किसी और का नाम लेकर जलाऊं उनको!
पर चोट लगेगी उनको तो दर्द मुझको ही होगा!
अब ये बताओ किस तरह सताऊं उनको!
Anirudh Thakur
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