Wednesday, June 15, 2011

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1 comment:

  1. इश्क मुहब्बत तो सब करते हैं!
    गम - ऐ - जुदाई से सब डरते हैं
    हम तो न इश्क करते हैं न मुहब्बत!
    हम तो बस आपकी एक मुस्कुराहट पाने के लिए तरसते हैं!

    न वो आ सके न हम कभी जा सके!
    न दर्द दिल का किसी को सुना सके!
    बस बैठे है यादों में उनकी!
    न उन्होंने याद किया और न हम उनको भुला सके!


    वो करीब ही न आये तो इज़हार क्या करते!
    खुद बने निशाना तो शिकार क्या करते!
    मर गए पर खुली रखी आँखें!
    इससे ज्यादा किसी का इंतजार क्या करते!

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